साथियों, उ.प्र. कामधेनु डेयरी फार्मर्स वैलफेयर एसोसिएशन की ३ जुलाई २०१६ को पहली बैठक लखनऊ मे आयोजित हुई
जिसमें निम्न लिखित विषयों पर सभी ने जो प्रस्ताव रखे वे सभी आपके सामने प्रस्तुत हैं
लाभार्थियों को प्रशिक्षण नहीं मिलता है।
पशु चिकित्सक बाहर से आने वाले “थैलेरियासिस” आदि रोगों के बारे में अपनी अनभिज्ञता प्रदर्शित करते हें ।
तथा जिलास्तर पर पशुओं के खून की जांच के लिए प्रयोगशाला न होने का बहाना देते हैं और यदि प्रयोगशाला है तो
उचित स्टाफ नहीं है, मशीन धूल खा रही है।
शासन की तरफ से किसी प्रकार की दवाइयाँ उपलब्ध नहीं हैं ।बाजार मे बहुत महँगी हैं जबकि प्रोजेक्ट में
केवल ५००/ प्रति माह का प्रोविजन रखा गया हे।
डाक्टरों के अनुसार उन्हें NPA नहीं मिलता अतः 2 बजे के बाद फीस लेते हैं एवं तब तक ऑफिस के काम व्यस्त
रहते हैं और इस प्रकार शासकीय चिकित्सा सुविधा नगण्य हैं।
CVO साहब कभी भी नहीं आते केवल प्रारंभ में जाल में जरूर फँसा दिया ।
कम से कम महीने में एक बार आने वाली समस्याओं की जानकारी लेकर समाधान पर विचार हेतु समय दिया जाय ।
जिला स्तर पर मासिक बैठक में पशु पालकों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया जाय।
दूध का न्यूनतम मूल्य निर्धारित किया जाय। Artificial दूध की बिक्री पर कड़ा प्रतिबंध लगाया जाय।
शासन के द्वारा सप्ताह में एक दिन बच्चों को दूध Mid-Day Meals में दिया जाता है उससे कामधेनु पशु पालक
को जोड़ा जाय ।
बाहर से आने वाले पशुओं में वातावरण के कारणों से मृत्यु दर अधिक है अतः जर्सी के स्थान पर गिरी जैसी
अन्य नस्लों को जोड़ा जाय ।
कामधेनु योजना कृषि श्रेणी में है किन्तु बैंक बिद्यत विभाग उद्योग में मानते हैं । स्पष्टीकरण किया जाय।
बैंकों को कम से कम दो बर्ष के बाद से भुगतान प्रारंभ कर ९ वर्ष में पूर्ण करने का प्रावधान किया जाय ।
बुन्देलखण्ड जैसे दैवीय आपदाओं के लिए विशेष अनुदान दिया जाय ।
चारा के भट्टों तथा खेतों में भूसा जलाने पर प्रतिबंध कड़ाई से लागू किया जाय । जिससे पर्यावरण की रक्षा
तथा चारा की कमी से बचेंगे ।
चारे के बीजों तथा अन्य उपकरणों पर सब्सिडीस अन्य उपक्रमों की भाँति दी जाय ।
जो पशु ग्याभन नहीं होते उनके लिए जिला स्तर पर उच्च स्तरीय चिकित्सा व्यवस्था की जाए; स्थानीय डॉक्टर
अपनी असमर्थता बता देते हैं ।
F.C.I.तथा अन्य संस्थाओं में जो गेहूँ मानव उपयोगी नहीं रहता उसे पशुओं के लिए आवन्टित किया जाय ।
जिला स्तर पर उच्चस्तरीय व्यवस्था की जाए जिससे मादा बच्चे ही पैदा हों ।
लाभार्थी को गोबर गैस तथा सोलर इनर्जी के बीच में विकल्प होना चाहिए; आजकल अधिकांश गोबर गैस प्लांट
अनुपयोगी हैं ।
लखनऊ मीटिंग की कुछ झलकियां
रायबरेली मीटिंग की कुछ झलकियां
रायबरेली जनपद के कामधेनु पशुपालकों की जिला स्तरीय बैठक 7 अप्रैल 2017 ,11 बजे प्रातः आँगन रेस्टोरेंट
सिविल लाइन्स रायबरेली में आयोजित हुई । कामधेनु डेयरी फार्मर्स वेलफेयर एसोसिएशन उ०प्र० के तत्वाधान में ही
रही बैठक में० रामनरेश रावत जी, विधायक बछरावां रायबरेली एवं बी० जे० पी०
जिला इकाई रायबरेली के पदाधिकारी उपस्थित होंगे। बैठक में जिलाधिकारी रायबरेली, मुख्य विकास अधिकारी,
मुख्य पशु चिकित्साधिकारी भी भागीदारी करेंगे। इसके साथ-साथ जिले एवं प्रदेश के कई गणमान्य विभूतियों की
गरिमामयी उपस्थित हुई । कामधेनु संस्था के कोषाध्यक्ष एवं कार्य कार्यक्रम के संचालक,शेखर त्रिपाठी द्वारा
बैठक के प्रारंभ में मीटिंग का एजेंडा एवं आगे की रणनीति पर चर्चा की गयी । कामधेनु संस्था के अध्यक्ष,श्री
नवनीत महेश्वरी द्वारा माननीय अतिथि एवं प्रशासनिक अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा गया । अंत में महा- सचिव, श्री
मानव अग्रवाल द्वारा धन्यवाद प्रकट किया गया ।
लखनऊ मीटिंग की कुछ झलकियां
लखनऊ मीटिंग की कुछ झलकियां
मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी को कामधेनु एसोसिएशन का ज्ञापन देते हुए एसोसिएशन के कोषादधस्य शेखर जी
पिछले 7-8 सालो से नारायण माहेश्वरी संकरपुर कटरी सराय स्थित अपने डेयरी फॉर्म को सफलतापुर्वक चला रहे हैं एवम
जैविक खेती भी कर रहे हैं। नारायण माहेश्वरी सरकार की कई योजनाओं का लाभ उठाते हुए अपने खेत में सोलर पॉवर बिजली
का उत्पादन कर रहे हैं। सिंचाई के लिए स्प्रिंकलर सिस्टम का प्रयोग कर रहे हैं। उनके खेत व डेयरी के प्रति किए
गए प्रयासों को कई बार सराहा गया तथा प्रोत्साहन दिया गया।
कानपुर मेयर श्रीमती प्रमिला पांडे जी के द्वारा गौकाष्ठ मशीन का उदघाटन।
कटरी शंकरपुर सराय में बिना बिजली एवम बिना किसी अन्य सुविधा के बावजूद हमारे द्वारा किए गए कार्यों को
वंदे भारत संस्था की टीम ने हमारे फॉर्म में आकर हमारे कार्यों की प्रशंसा की।